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क्या आप जानते हैं कि आपकी पसंदीदा आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक आपको कैंसर का शिकार बना सकती हैं?

Sergei Ivanov
Sergei Ivanov
"क्या ये सच है? मुझे तो ये सुनकर थोड़ी परेशानी हुई!"
Rajesh Patel
Rajesh Patel
"आइसक्रीम का क्या? ये मेरी पसंदीदा चीज है!"
Derrick Williams
Derrick Williams
"ये तो बहुत डरावना है, क्या और कोई जानकारी है इस पर?"
Darnell Thompson
Darnell Thompson
"क्या हमें सच में अपने खाने के बारे में ज्यादा सोचने की ज़रूरत है?"
Thelma Brown
Thelma Brown
"कौन सोचता था कि आइसक्रीम इतनी खराब हो सकती है?"
Hikari Tanaka
Hikari Tanaka
"ये अध्ययन तो मुझे हिलाकर रख देता है!"
Marcus Brown
Marcus Brown
"अगर आइसक्रीम कैंसर का कारण बन सकती है, तो मुझे अब क्या खाना चाहिए?"
Derrick Williams
Derrick Williams
"ये तो बहुत अजीब है, मुझे अपने खाने के पैटर्न पर फिर से विचार करना होगा।"
Sergei Ivanov
Sergei Ivanov
"क्या कोई स्वस्थ विकल्प है जो उतना ही स्वादिष्ट हो? पूछ रहा हूँ।"
Ivan Petrov
Ivan Petrov
"क्या कोई और ने भी इस स्टडी पर ध्यान दिया है?"

2025-08-11T14:30:00Z


क्या आप जानते हैं कि आपकी पसंदीदा आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक आपको कैंसर का शिकार बना सकती हैं? एक नई अध्ययन ने चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है कि अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थ, जैसे आइसक्रीम और सोडा, फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को 40% तक बढ़ा सकते हैं।

पारंपरिक रूप से, फेफड़ों के कैंसर को धूम्रपान से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययन ने हमें यह बताया है कि आहार भी इसके जोखिम को बढ़ा सकता है। एक बड़े पैमाने पर अध्ययन में पता चला कि अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थ, जिनमें आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स शामिल हैं, फेफड़ों के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

क्या आप जानते हैं, जो लोग सबसे अधिक संसाधित खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, उनके फेफड़ों के कैंसर का जोखिम सामान्य से 41% अधिक होता है? इस अध्ययन में 55 से 74 साल के 100,000 अमेरिकी वयस्कों का अनुसरण किया गया था, जो लगभग 12 वर्षों तक चला।

अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थों (UPFs) की संरचना में ऐसे तत्व शामिल होते हैं जो प्राकृतिक खाद्य सामग्रियों के बजाय खाद्य निष्कर्षण और निर्मित पदार्थों से बने होते हैं। इनमें संरक्षक, कृत्रिम स्वाद, रंग, अधिक चीनी, नमक, अस्वास्थ्यकर वसा, इमल्सीफायर और अन्य योजक शामिल होते हैं।

अध्ययन में यह भी देखा गया कि उच्च UPF सेवन करने वाले लोगों में नॉन-स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर का जोखिम 37% और स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर का जोखिम 44% अधिक था।

इस चिंताजनक संबंध की कई संभावित वजहें हैं। UPFs की पोषण संबंधी मूल्य कम होती है क्योंकि इनमें फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बहुत कम होता है, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। ये खाद्य पदार्थ अस्वास्थ्यकर वसा और उच्च चीनी की मात्रा रखते हैं, जो सूजन और मेटाबोलिक परिवर्तनों का कारण बनते हैं, जो कैंसर के विकास का समर्थन करते हैं।

इन खाद्य पदार्थों में मौजूद रासायनिक योजक, जैसे कैरजेनन और ग्लूटामेट, आंत और फेफड़ों के माइक्रोबायोटा में संभावित बाधा डाल सकते हैं, साथ ही सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अलावा, खाद्य पैकेजिंग सामग्री कभी-कभी हानिकारक कैंसरजन्य तत्व छोड़ सकती है, जिससे जोखिम बढ़ सकता है।

हालांकि अध्ययन सीधे कारण निर्धारित नहीं कर सकता, लेकिन यह अत्यधिक संसाधित खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों के बारे में पहले से ही मौजूद चिंताओं का समर्थन करता है। यह अध्ययन बताता है कि हमें UPFs के खतरों को समझने और संपूर्ण खाद्य पदार्थों की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।

इसके उपायों में पैकेज्ड स्नैक्स और फास्ट फूड का सेवन कम करना, ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाना, और घर पर खाना बनाना शामिल है। सही खान-पान अपनाकर हम न केवल कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा दे सकते हैं।

Profile Image Lars Andersen

Source of the news:   Times of India

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